Tuesday, 20 August 2019 02:19

नदियाँ उफान पर, कई रेलगाड़ियाँ रद्द

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पहाड़ों पर बारिश से गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से भी ऊपर पहुंच गया है। गंगा में 2.97 लाख क्यूसेक पानी चल रहा है। ढाई लाख क्यूसेक पानी पर खतरा रहता है।

उत्तराखंड के तटबंध को काटकर गंगा का पानी गांव रामसहायवाला में पहुंच गया है। गांव का संपर्क जिला मुख्यालय से कट चुका है। ब्रह्मपुरी की नई बस्ती में भी पानी भर गया है। आवागमन के लिए ग्रामीण नाव का सहारा ले रहे हैं।

पहाड़ों पर बारिश से गंगा और मालन का जलस्तर बहुत बढ़ गया है। दोनों नदियों का पानी तटीय गांवों में कहर बरपा रहा है। गंगा से कटान को रोकने के लिए बनाया गया अस्थायी तटबंध भी तेज धारा में बहने लगा है। गांव रामसहायवाला गंगा की धारा के दूसरी ओर है, लेकिन यह गांव बिजनौर में ही आता है। उत्तराखंड द्वारा बनाए गए तटबंध से इस गांव में गंगा का पानी नहीं आता था। लेकिन गंगा की तेज धारा कुछ दिनों से तटबंध को काट रही थी। गंगा का पानी तटबंध को काटकर गांव रामसहायवाला की ओर बढ़ने लगा था। रविवार रात गांव में दो से तीन फीट तक पानी भर गया। रात में गांव में पानी आने से गांव वालों में हड़कंप मच गया। गांव वाले मकानों की छत पर चढ़ गए। गांव में हर ओर पानी ही पानी नजर आ रहा है। ग्रामीण अपने घरों में कैद हो गए हैं। अब केवल नाव से ही इस गांव में पहुंचा जा सकता है।

गांव ब्रह्मपुरी के मोहल्ला नई बस्ती में भी गंगा का पानी दो से तीन फीट तक भर गया है। यहां मोहल्ले में नाव के जरिए लोग दूसरी जगह को जा रहे हैं। उत्तराखंड को जिले से जोड़ने वाला मार्ग भी चार से पांच फीट तक गंगा में डूब गया है। उत्तराखंड जाने वाले राहगीर ट्रैक्टर ट्रॉली में अपने वाहनों को रखकर नदी पार कर रहे हैं। बालावाली पुलिस चौकी और उसके सामने स्थित मंदिर में भी गंगा का पानी घुस गया है। पानी भरने से मंदिर की एक ओर की दीवार बैठनी शुरू हो गई है और मंदिर तिरछा हो गया है।

गंगा में ढाई लाख क्यूसेक पानी बहने पर खतरे की स्थिति रहती है। लेकिन गंगा में 2.97 लाख क्यूसेक पानी बह रहा है। गंगा का यह जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है। बिजनौर बैराज पर खतरे का निशान 220 मीटर पर है, जबकि गंगा 220.20 मीटर तक पहुंच चुकी है। गंगा का जलस्तर बढ़ने से तटीय गांव वालों में खौफ की स्थिति है। गांव रामपुर ठकरा को जाने वाले रास्ते पर भी पानी आ गया है। यहां भी गांव वाले गांव से बाहर नहीं जा सकते हैं।

जलभराव से फसलों को भारी नुकसान

पहाड़ों से गांव में आए पानी से सैकड़ों बीघा फसल भी जलमग्न चुकी हैं। खेतों में धान, गन्ने की फसल लहरा रही थीं व चारा खड़ा था। यदि जल्दी ही पानी नहीं उतरा हो इन खेतों में फसलों को बहुत नुकसान होगा। चारे की फसल तो बिल्कुल ही खत्म हो जाएगी।

कटान क्षेत्र में खड़ी फसल काटने को मजबूर

नांगलसोती/नजीबाबाद। गंगा नदी के उफान ने तटीय क्षेत्र की कृषि भूमि का जमकर कटान किया। कटान करते हुए गांव गौसपुर की ओर गंगा नदी के बढ़ने से ग्रामवासियों की सांसें अटकी हुई हैं। किसानों ने कटान होने से पूर्व चारे व गन्ने की फसल को कटान शुरू कर दिया है। नदी क्षेत्र में तटबंध न बनाए जाने से ग्रामवासियों में शासन-प्रशासन के प्रति गहरा रोष व्याप्त है।

पर्वतीय क्षेत्र में हो रही लगातार वर्षा से गंगा नदी अपने पूरे उफान पर है। गौसपुर व नांगल खादर क्षेत्र की कृषिभूमि का कटान कर गंगा नदी ने तबाही मचाई है। नदी के तेजधारा खेतों से टकराकर कटान करते हुए आगे बढ़ रही है। गौसपुर के किसानों की कई बीघा जमीन फसलों सहित गंगा नदी में समा चुकी है। कटान क्षेत्र में खड़ी फसलों को किसान जोखिम उठाकर मजबूरन काट रहे हैं। वहीं गौसपुर से गंगा नदी की महज 70 मीटर दूरी रहने से ग्रामवासियों में हलचल मची है। ग्रामवासियों को कटान करते हुए गंगा के उफान से गांव को तबाह करने का डर सताने लगा है। गंगा नदी उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश को बांटती है। नदी के पश्चिमी छोर पर उत्तराखंड सरकार ने किसानों की कृषि भूमि को बचाने के लिए एक दशक पूर्व पक्का तटबंध बना दिया था। तभी से गंगा नदी उफान के दौरान गांव गौसपुर की ओर कटान करती हुए आगे बढ़ रही है। नदी के पूर्वी छोर पर पक्का तटबंध बनाने के लिए गौसपुर के ग्रामवासियों ने शासन-प्रशासन और जनप्रतिनिधि करीब एक दशक से मांग करते आ रहे हैं। किसानों के रामप्रसाद, लाल सिंह, राजेश, पीतम सिंह, अवनीश, अरविंद, वीरेंद्र सिंह, मुन्नू सिंह, जगत सिंह, दीवान सिंह का कहना है कि शासन-प्रशासन ने उनकी समस्या का गंभीरता से नहीं लिया। एक दशक बीतने के बाद नदी क्षेत्र में पक्का तटबंध तो दूर कच्चा तटबंध भी नहीं बनाया गया। आक्रोशित ग्रामवासियों का कहना है कि शायद शासन-प्रशासन को गंगा नदी द्वारा गांव को लील करने का इंतजार है। किसानों की कटान के साथ कई बीघा जमीन गंगा में समा चुकी है। यही सिलसिला जारी है तो किसान एक दिन भूमिहीन हो जाएगा।

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नजीबाबाद से आने-जाने वाली रद्द ट्रेनें हुईं संचालित

नजीबाबाद। नदियों में उफान आने पर सुरक्षा की दृष्टि से मुरादाबाद रेलवे कंट्रोल ने नजीबाबाद से अंबाला, सहारनपुर, हरिद्वार, जगाधरी दिशा को जाने वाले सभी ट्रेनें रद्द कर दी। हरिद्वार व अंबाला दिशा से नजीबाबाद पहुंचने वाली सभी ट्रेनें रद्द कर दी। ट्रेनों के रद्द होने से रेलवे यात्रियों में हड़कंप मच गया।

पहाड़ों और मैदानी क्षेत्र में भारी वर्षा के चलते गंगा, यमुना सहित क्षेत्र की नदियों उफान पर है। रविवार की देर रात भारी वर्षा होने से गंगा व यमुना नदी में भारी उफान आ गया। अंबाला, सहारनपुर, जगाधरी क्षेत्र के रेलवे नदी पुल से नदियों के टच होकर गुजरने व रेलवे पथ पर पानी आने की आशंका के चलते मुरादाबाद कंट्रोल ने रविवार की देर रात नजीबाबाद से अंबाला, सहारनपुर, हरिद्वार, जगाधरी दिशा से आने-जाने वाली ट्रेेनों को रद्द कर दिया। हावड़ा-अमृतसर एक्सप्रेस, लखनऊ-चंडीगढ़ एक्सप्रेस, जनसेवा एक्सप्रेस, जन नायक एक्सप्रेस, अकालतख्त एक्सप्रेस, रामनगर-चंडीगढ़ एक्सप्रेस, मुरादाबाद-सहारनपुर, गंगा सतलुज एक्सप्रेस सहित रूट पर आने-जाने वाली सभी ट्रेनों को रद्द कर दिया। मुरादाबाद रेलवे कंट्रोल ने मुरादाबाद से बाया गजरौला होकर ट्रेनों को गंतव्य के लिए रवाना किया। यात्रियों की टिकट विंडो पर टिकट वापसी के लिए भीड़ जमा हो गई। हालांकि दोपहर बाद नदियों का पानी उतरने पर ट्रेनों के आने-जाने की स्थानीय रेलवे ने घोषणा की। अंबाला दिशा से करीब 3 बजे अपने निर्धारित समय पर जनसेवा एक्सप्रेस नजीबाबाद स्टेशन पहुंची। वहीं मुरादाबाद दिशा से लिंक, दरभंगा व हरिद्वार-इलाहाबाद ट्रेनें नजीबाबाद से गुजरीं। ट्रेनों के पुन: संचालित होने पर दूर-दराज को आने-जाने वाले यात्रियों ने राहत की सांस ली।

रोडवेज ने दिल्ली व हरिद्वार के लिए लगाईं बसें

नजीबाबाद। ट्रेनों के रद्द होने पर रोडवेज डिपो पर यात्रियों की भारी भीड़ जमा हो गई। यात्रियों के रोडवेज परिसर में पहुंचने से जाम की स्थिति पैदा हो गई। पुलिस ने ई-रिक्शा के रोडवेज परिसर जाने से रोककर जाम की स्थिति पर काबू पाया। उधर एआरएम जुनैद शम्सी ने यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए दिल्ली व हरिद्वार दिशा में जाने वाली बसों की चक्कर बढ़ाने का चालक-परिचालकों को निर्देश दिए।

ट्रेनों को संचालन शुरू

नजीबाबाद। स्टेशन अधीक्षक जयपाल का कहना है कि अंबाला, जगादरी, सहारनपुर क्षेत्र में रेलवे पुल पर नदियों का पानी आने की संभावना के चलते रेलवे कंट्रोल ने रविवार की रात्रि से रूट की सभी ट्रेनें रद्द की है। रेलवे कंट्रोल ने पुन: सोमवार को करीब दो-ढाई बजे नदियों का उतरने का संकेत देकर ट्रेनों के संचालन करने की सूचना प्रेषित की है। अंबाला से दिशा से जनसेवा एक्सप्रेस ट्रेन करीब 3 बजे नजीबाबाद स्टेशन पहुंची है। मुरादाबाद दिशा से लिंक, दरभंगा ट्रेनों की अंबाला हरिद्वार दिशा के लिए रवाना किया गया है।

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